पटना में बैठकर अमेरिका के लोगों से की ठगी, आइए जानें कैसे मालवेयर App डाउनलोड करवा खाते को कर देते थे साफ

Cyber Security

पटना में कॉल सेंटर खोलकर साइबर अपराधी अमेरिका के लोगों से ठगी कर रहे थे। पुलिस में अपनी जांच में यह बताया की ये अंतरराष्ट्रीय गैंग के साइबर ठग अमेरिका के लोगों के कम्प्यूटर में मालवेयर और रैंसमवेयर सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवा देते थे। और फिर उसी रैंसमवेयर सॉफ्टवेयर को ठीक करने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे। आज के इस विडियो/ब्लॉग में हम आपको ये जरूरी जानकारी बताएंगे कॉल सेंटर क्या है? मैलवेयर सॉफ्टवेयर क्या होता है? साइबर फ्रॉड कैसे करते है ठगी Fake कॉल को कैसे पहचानें सावधानियां कॉल सेंटर क्या होता है? कॉल सेंटर एक कार्यालय है जो एक कंपनी के द्वारा स्थापित की जाती है और उनके ग्राहकों के सवालों का जवाब दिया जाता है। मैलवेयर सॉफ्टवेयर क्या होता है? मैलवेयर एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जिसे किसी डेस्कटॉप या उस सिस्टम में इंस्टॉल किया जाता है जिसे नुकसान पहुंचाना हैं। मैलवेयर आपकी निजी जानकारी जैसे क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड नंबर को भी चुरा सकता हैं। साइबर अपराधी ऐसे कर रहे थे ठगी पटना के साइबर ठगों ने अमेरिका के लोगो से डॉलर में ठगी की हैं। आरोपी पहले तो अंतराष्ट्रीय लोगों से उनके सिस्टम में मैलवेयर सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवाते थे और फिर उसे ठीक करने के नाम पर उनसे ठगी किया करते थे। पश्चिम बंगाल के निवासी दानिश अर्शद, और सब्बीर अहमद और मेटफाक स्ट्रीट के निवासी आमिर सिद्दिकी को पश्चिम बंगाल के दीघा थाने की पुलिस ने पकड़ा हैं। पूछताछ में यह बात पता चली है की तीनों ने कोलकाता के ही एक कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई थी। बाद में अच्छे दोस्त बने और साइबर क्राइम के साथी बन गए। पुलिस ने आगे बताया की आमिर के पिता कोलकाता में एक व्यवसायी हैं। जब पुलिस ने छापेमारी की तो इनके पास से करीब 10.5० लाख नकद रुपये मिले। सिटी एसपी सेंट्रल अम्बीश राहुल ने बताते हुए कहा कि ये हर रोज चार से पांच लोगों के साथ ठगी करते थे। आइए अब जानते है की आप इन फ्रॉड कॉल्स को कैसे पहचान सकते हैं। फ्रॉड कॉल्स को कैसे पहचाने ? बैंक कभी अपने ग्राहक के निजी जानकारी नहीं मांगता जैसे की एटीएम कार्ड डिटेल्स, पासवर्ड इत्यादि क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की वैलिडिटी को लेकर कॉल आए और आपके बैंक डिटेल्स मांगे तो समझ जाए, ये ठग है लोन अप्रूवल का कॉल आए जबकि आपने कोई लोन अप्लाई नहीं किया तो समझ जाए ये फ्रॉड है और अगर किया भी हो तो पहले लोन देने वालों से संपर्क करें। लॉटरी को लेकर कॉल आए तो कभी विश्वास न करें अगर सिम कार्ड को अपग्रेड कराने की बात करे और बैंक डिटेल्स मांगे तो कॉल डिस्कनेक्ट कर दे. ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए सावधानियां अगर कोई आपके बैंक डिटेल्स मांगे तो न दे अगर आप इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते है तो ट्रांजेक्शन उसके ऑफिशियल वेबसाइट पर ही करे अगर किसी ईमेल या एसएमएस में कोई दूसरे वेबसाइट पर क्लिक करने बोले तो कभी ना करे साइबर कैफे में उपलब्ध शेयर सिस्टम पर इंटरनेट बैंकिंग की हिम्मत नही करे किसी को भी अपनी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि न दे। कस्टमर केयर का नंबर कभी भी गूगल पर सर्च न करे। इसकी सुविधा उठाने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। लॉटरी जीतने का मैसेज आए तो दिए गए लिंक पर क्लिक ना करे। अपने फोन, लैपटॉप आदि को हमेशा अपडेट करते रहे। फाइनल थॉट ये थी कॉल सेंटर से जुड़ी जरूरी सावधानियां जिसे अगर आप ध्यान में रखते हैं तो साइबर फ्रॉड से बचा भी जा सकता हैं और अपने आस पास के लोगों को भी बचाया जा सकता हैं।